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डैंड्रफ होने का कारण | Causes of Dandruff in Hair


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वर्ष 2011 के एक सर्वे के अनुसार लगभग 70% भारतीय डैंड्रफ की समस्या से परेशान हैं। तो वहीं वर्ष 2023 में Traya के अध्ययन में पाया गया गया कि 25 वर्ष से कम उम्र के 65% लोग डैंड्रफ से परेशान हैं, साथ ही 38% लोगों में यह स्तिथि काफी गंभीर है। इन आंकड़ों को देखते समय मन में एक ही प्रश्न आता है कि आखिर डैंड्रफ होने का कारण क्या है या डैंड्रफ क्यों होता है? साथ ही अगर हम इन आंकड़ों को एक क्षण के लिए भूल भी जाएं तो लगभग सभी व्यक्तियों ने अपने जीवन में कभी न कभी इस समस्या का सामना अवश्य ही किया होगा।

डैंड्रफ होना सिर्फ बालों के झड़ने की समस्या में योगदान ही नहीं देता है, बल्कि यह हमारी निजी जिंदगी पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है और शर्मिंदगी महसूस कराता है। इसकी वजह से सिर में खुजली, फफोले, गंध की भी समस्या हो जाती है। Traya के ही एक दूसरे अध्ययन में पाया गया कि झड़ते बालों की समस्या में डैंड्रफ प्रमुख कारणों में से एक है। ऐसे में जरुरी हो जाता है कि इस समस्या के मूल कारण का पता लगाकर सही इलाज करने की। इसलिए इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि डैंड्रफ होने का कारण क्या है और इससे कैसे निपट सकते हैं।

आगे बढ़ने से पहले, जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, डैंड्रफ बाल झड़ने की समस्या के प्रमुख कारणों में से एक है। तो अगर आपके बाल तेजी से झड़ रहे हैं तो सबसे पहले आपको Hair Test देना चाहिए। इस मुफ्त टेस्ट को देकर आप पता लगा सकते हैं कि आपके बालों के झड़ने का सटीक कारण क्या है। तत्पश्चात हम आपको फ्री रिपोर्ट, कंसल्टेशन और डाइट चार्ट के साथ ही सही उपचार के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। हजारों लोगों ने टेस्ट को देकर सही उपचार की शुरुआत की है और झड़ते बालों की समस्या से मुक्ति पाई है। आप भी पा सकते हैं, आवश्यकता है तो बस एक आसान सा 2 मिनट का टेस्ट देने की।


डैंड्रफ क्या होता है (Dandruff in Hindi)

डैंडफ स्कैल्प से जुड़ी एक आम समस्या है जिसमें सिर की त्वचा से पपड़ी निकलने लगती है। ये पपड़ी सफ़ेद, पीली या तैलीय हो सकती है और ये छोटी या बड़ी हो सकती है। इसके साथ ही सिर में खुजली की समस्या भी जन्म ले लेती है। यह कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है और इसका इलाज भी आसानी से किया जा सकता है। डैंड्रफ की समस्या उन लोगों में दिखलाई पड़ती है जिनके स्कैल्प की त्वचा जल्दी मृत होकर झड़ने लगती है। 

यहां एक बात आपको समझनी होगी कि हमारे सिर की त्वचा की कोशिकाएं एक समय बाद मृत हो जाती हैं। कोशिकाओं के मरने के पश्चात उनका स्वाभाविक रूप से झड़ना शुरू हो जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिससे सभी गुजरते हैं लेकिन यह इतनी कम मात्रा में होता है और साथ ही हम रोजाना खुद को स्वस्थ और स्वस्थ रखते हैं जिससे यह डैंड्रफ का रूप धारण नहीं करता है।

लेकिन जिन लोगों में डैंड्रफ की समस्या होती है, उनमें यह प्रक्रिया काफी तेजी से होने लगती है। यानि उनके सिर की त्वचा की कोशिकाओं का मृत होना और झड़ना तेज गति से होने लगता है जिसकी वजह से आप कितना भी नहाएं, बालों को साफ करें, डैंड्रफ की समस्या शुरू हो जाती है और ये आपके बालों में जमा होने लगते हैं। कई बार स्कैल्प पर कुछ बैक्टीरिया और यीस्ट के मौजूद होने पर भी यह समस्या शुरू हो जाती है।


डैंड्रफ होने का कारण (Dandruff Hone Ka Karan)

डैंड्रफ होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि सिर की त्वचा की सफाई सही ढंग से न करना, स्कैल्प का रूखापन, स्कैल्प की त्वचा तैलीय होना, malassezia जैसे फंगस की मौजूदगी, हेयर केयर उत्पादों के प्रति संवेदनशीलता, इन्फ्लेमेशन और फोड़े फुंसी। आइए विस्तार से इन कारणों को समझते हैं और जानते हैं कि इनकी वजह से क्यों डैंड्रफ की समस्या जन्म लेती है।


1. स्कैल्प की त्वचा चिड़चिड़ी और तैलीय होना (Irritated and oily scalp skin)

स्कैल्प की त्वचा का चिड़चिड़ा और तैलीय होना डैंड्रफ की समस्या को जन्म दे सकता है। बल्कि रूसी की समस्या में सबसे बड़ा योगदान इसी फैक्टर का ही होता है क्योंकि यह स्कैल्प के सामान्य कार्यों में बाधा डालता है। दरअसल हमारे स्कैल्प में sebaceous glands पाए जाते हैं जो सिबम (प्राकृतिक तेल) का उत्पादन करते हैं ताकि हमारे बाल स्वस्थ बनें और उनमें नमी बनी रहे। लेकिन कुछ लोगों में यह ग्लैंड आवश्यकता से अधिक sebum production को अंजाम दे देता है।

इसकी वजह से स्कैल्प की त्वचा पर आवश्यकता से अधिक तेल की मौजूदगी हो जाती है। Malassezia जोकि एक फंगस है इसी प्राकृतिक तेल को भोजन के रूप में इस्तेमाल करता है। जब स्कैल्प पर तेल की मात्रा अधिक हो जाती है तो स्वाभाविक रूप से Malassezia की संख्या में भी इजाफा हो जाता है। इसकी वजह से स्कैल्प का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाता है और इन्फ्लेमेशन की समस्या शुरू हो जाती है जिससे स्कैल्प चिड़चिड़ी हो जाती है और स्कैल्प की त्वचा के सेल्स तेजी से झड़ना शुरू हो जाते हैं जिसे हम डैंड्रफ कहते हैं।


2. स्कैल्प की त्वचा सुख जाना (Dry scalp skin)

अगर स्कैल्प की त्वचा सुखी, बेरुखी और बेजान है तो उस परिस्थिति में भी डैंड्रफ की समस्या जन्म ले सकती है। यानि तैलीय और सुखी त्वचा दोनों ही डैंड्रफ के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं, लेकिन दोनों में अंतर है। एक स्वस्थ और नमीयुक्त स्कैल्प की त्वचा बैरियर के रूप में कार्य करते हुए स्कैल्प को नुकसान पहुंचाने वाले कारकों को दूर रखता है। लेकिन जब स्कैल्प की नमी खत्म हो जाती है और वह सुख जाती है तो वहां की त्वचा के सेल्स अपना लचीलापन खो देती है और अस्वस्थ हो जाती है।

इस परिस्थिति में कोशिकाओं के टूटने और उखड़ने की संभावना भी कई गुना तक बढ़ जाती है। साथ ही, जब स्कैल्प की त्वचा सुख जाती है तो उसमें खुजली होना आम बात है। खुजली करने की वजह से समस्या और बढ़ जाती है यानि कोशिकाओं के उखड़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है जोकि अंततः डैंड्रफ के रूप में सामने आता है। सुखी स्कैल्प के डैंड्रफ आकार में छोटे और पतले होते हैं जबकि तैलीय स्कैल्प के डैंड्रफ आकार में बड़े और मोटे होते हैं।


3. स्कैल्प की सफाई ढंग से न करना (Underestimating scalp hygiene)

अगर आप स्कैल्प की साफ सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं तो उस परिस्थिति में भी डैंड्रफ की समस्या जन्म ले सकती है। जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, हमारे स्कैल्प में मौजूद ग्रंथियां प्राकृतिक तेल का उत्पादन करती हैं जिससे बालों और स्कैल्प का स्वास्थ्य बेहतर होता है। लेकिन अगर आप बालों को नियमित रूप से नहीं धोते हैं तो धीरे धीरे यही तेल स्कैल्प पर जमा होने लगता है। 

जब स्कैल्प पर इस प्राकृतिक तेल की मात्रा अधिक हो जाती है तो Malassezia फंगस का भी बढ़ना स्वाभाविक है क्योंकि यह उसका पसंदीदा भोजन है। जब इस फंगस की संख्या में इजाफा होता है तो इम्यून सिस्टम inflammatory response की मदद लेता है जिससे स्कैल्प की त्वचा की कोशिकाएं मृत होकर उखड़ने लगती हैं जोकि डैंड्रफ का रूप ले लेता है। साथ ही हमारे स्कैल्प की त्वचा लगातार मृत होकर उखड़ने लगती है, ऐसे में अगर स्कैल्प की सफाई सही ढंग से न हो तो स्कैल्प पर मृत त्वचा का भंडार लग सकता है जोकि अंततः डैंड्रफ का कारण बनता है।


4. बार बार बालों को धोना (Washing hair often)

हमने ऊपर ही आपको बताया कि डैंड्रफ की समस्या बालों को अधिक समय तक न धोने की वजह से जन्म ले सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप बार बार अपने बालों को हेयर केयर प्रोडक्ट्स से धुलते हैं तो भी डैंड्रफ की समस्या अवतरित हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि बार बार बालों को धोने से स्कैल्प पर मौजूद प्राकृतिक तेल जिसे Sebum भी कहा जाता है, खत्म हो जाता है। इससे स्कैल्प की त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है क्योंकि sebum production ही बालों को नमीयुक्त बनाता है।

स्कैल्प की त्वचा बेरुखी और सूखने की वजह से उसका लचीलापन खत्म हो जाता है। साथ ही स्कैल्प की कोशिकाएं भी पोषण और नमी न होने पर जल्दी मृत होने लगती हैं और उनका उखड़कर झड़ना शुरू हो सकता है।इसके अलावा, जब स्कैल्प सुख जाता है तो उस परिस्थिति में खुजली भी होने लगती है। खुजली करने की वजह से स्कैल्प की कोशिकाओं को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है जिससे डैंड्रफ की समस्या बढ़ सकती है। इस तरह आपने जाना कि डैंड्रफ होने का कारण क्या है।


5. हेयर केयर प्रोडक्ट्स का अत्यधिक इस्तेमाल (Overuse of hair care products)

हेयर केयर प्रोडक्ट्स का अत्यधिक इस्तेमाल करने से भी डैंड्रफ की समस्या का जन्म हो सकता है। मार्केट में मिलने वाले अधिकतर शैम्पू और तेल कठोर रसायनों से युक्त होते हैं, जिनका इस्तेमाल करना स्कैल्प की नमी खत्म कर देता है और साथ ही कई बार चिड़चिड़ी स्कैल्प त्वचा में योगदान देता है। इसके अलावा, बार बार हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से स्कैल्प का प्राकृतिक तेल भी खत्म हो जाता है। इससे स्कैल्प की त्वचा बेजान और बेरुखी हो जाती है।

इसलिए हम आपको सलाह देते हैं कि 100% नेचुरल शैंपू, तेल या दवाओं का सेवन करना सबसे फायदेमंद है। Traya में हमारे सभी उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक होते हैं, वेगन फ्रेंडली होते हैं और साथ ही आपके स्कैल्प पर कोई भी दुष्प्रभाव भी नहीं डालते हैं। इसके साथ ही, हम आपको सलाह देते हैं कि सप्ताह में 2 से 3 दिन ही बालों को शैंपू या अन्य हेयर केयर प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से धोएं। इससे स्कैल्प स्वस्थ भी रहेगा और आपके बालों को भी आवश्यक पोषण व नमी मिलेगी जिससे बालों का झड़ना कम होगा।


6. त्वचा रोग होने की वजह से (Other skin problems)

डैंड्रफ की समस्या का एक अन्य कारण त्वचा रोग भी हो सकते हैं जिसमें खासतौर पर psoriasis और eczema शामिल हैं। दरअसल सोरायसिस और एक्जिमा दोनों ही स्कैल्प में सूजन और जलन का भाव पैदा कर सकते हैं जिसकी वजह से स्कैल्प के सेल्स तुरंत अपनी स्तिथि बदल सकते हैं या प्रभावित क्षेत्र की कोशिकाएं मृत हो सकती हैं। इसकी वजह से मृत कोशिकाएं उखड़ने लगेंगी जोकि डैंड्रफ की समस्या शुरू करेगा।

साथ ही, सोरायसिस और एक्जिमा दोनों ही स्कैल्प को चिड़चिड़ा बना सकते हैं और स्कैल्प पर सूजन, लालिमा और साथ ही सूखेपन में योगदान दे सकते हैं। ये सभी फैक्टर्स मिलकर पहले से मौजूद डैंड्रफ की समस्या को बढ़ा देंगे और कई बार इनकी वजह से आप डैंड्रफ और इन त्वचा रोगों में कोई भी भिन्नता निकालने में भी असमर्थ होंगे।


7. Seborrheic Dermatitis की वजह से (Due to Seborrheic Dermatitis)

शायद आपने आज से पहले कभी भी Seborrheic Dermatitis के बारे में नहीं सुना होगा लेकिन यह डैंड्रफ की ही एक गंभीर स्तिथि है। डैंड्रफ की समस्या आम होती है जिसका उपचार आसान होता है लेकिन Seborrheic Dermatitis की समस्या भी गंभीर होती है और उपचार भी देरी तक चलता है। इस परिस्थिति में त्वचा के सेल्स का मृत होकर उखड़ने के साथ साथ स्कैल्प पर सूजन और लालिमा भी दिखलाई पड़ सकता है।

दोबारा से यह स्तिथि oil skin वालों के साथ ही मुख्य रूप से होती है। जब स्कैल्प की त्वचा पर प्राकृतिक तेल का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है तो Malassezia का विकास अधिक तेजी से होता है और इनकी संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में inflammatory response शुरू हो जाता है जिससे skin turnover की प्रक्रिया काफी तेज हो जाती है। इससे Seborrheic Dermatitis की समस्या जन्म लेती है जोकि डैंड्रफ से गंभीर होती है।


8. अत्यधिक तनाव होना (Stress)

क्या आपको पता है कि अगर आप आवश्यकता से अधिक तनाव लेते हैं तो इस परिस्थिति में भी डैंड्रफ की समस्या हो सकती है? जी हां, तनाव लगभग हर बीमारियों से किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ है, डैंड्रफ की समस्या से भी। जब आप अत्यधिक तनाव लेते हैं तो आपके शरीर में Cortisol नामक हार्मोन का उत्पादन तीव्र गति से होता है। यह हार्मोन न सिर्फ आपके समग्र स्वास्थ्य को बिगाड़ता है बल्कि स्कैल्प पर उत्सर्जित होने वाले प्राकृतिक तेल की मात्रा को भी बढ़ा देता है।

इसकी वजह से स्कैल्प पर प्राकृतिक तेल की मात्रा अधिक हो जाती है जोकि Malassezia नामक फंगस का पसंदीदा भोजन है। अत्यधिक तैलीय त्वचा की वजह से Malassezia का विकास तेजी से होता है जिससे अंततः skin turnover फिर डैंड्रफ की समस्या जन्म ले लेती है। तनाव की स्तिथि में हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से वह Malassezia को भी रेग्यूलेट नहीं कर पाता है। 


9. थायराइड रोग की वजह से (Thyroid disorder)

थायराइड की समस्या में सिर्फ बाल ही नहीं झड़ते, बल्कि रूसी की समस्या भी जन्म ले लेती है। जब थायराइड ग्लैंड से थायराइड हार्मोन का उत्पादन कम होता है तो उस स्तिथि को hypothyroidism कहा जाता है। इस स्तिथि में बालों का विकास बाधित होता है और साथ ही स्कैल्प का स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है। इसकी वजह से स्कैल्प की त्वचा सुखी, चिड़चिड़ी और खुजलीदार बन सकती है जोकि डैंड्रफ की समस्या को जन्म दे सकती है।

इसके साथ ही, थायराइड की समस्या में मेटाबॉलिज्म यानि चयापचय की प्रक्रिया भी धीमी पड़ जाती है। मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया धीमी पड़ जाने से समग्र त्वचा स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है जिससे त्वचा सुखी और खुजलीदार बन जाती है। यह स्तिथि दोबारा से डैंड्रफ होने की स्तिथि के लिए सबसे बेहतर है। इस परिस्थिति में हम आपको Thyro Santulan टैबलेट की सलाह देते हैं जोकि पूरी तरह से नेचुरल है और आपके शरीर पर बिन कोई दुष्प्रभाव डाले थायराइड की समस्या के उपचार में मदद करता है।


10. बदलते मौसम और प्रदूषण की वजह से (Pollution)

बदलते मौसम और खासकर प्रदूषण की वजह से भी डैंड्रफ होता है। जो लोग प्रदूषण भरे इलाकों में रहते हैं, उनमें न सिर्फ गम्भीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक होता है बल्कि तेजी से बाल झड़ने और डैंड्रफ की समस्या का जोखिम भी कई गुना बढ़ जाता है। हवा में मौजूद प्रदूषण जैसे धूल, धुआं और रसायन स्कैल्प को चिड़चिड़ा बना सकते हैं जिससे सूजन, जलन और खुजली की समस्या का जन्म हो सकता है।

इसकी वजह से skin turnover तेजी से होगा जोकि डैंड्रफ की समस्या को जन्म दे सकता है। साथ ही, प्रदूषण की समस्या में स्कैल्प पर मौजूद सूक्ष्मजीवों का संतुलन भी बिगड़ जाता है जिसे scalp microbiome के नाम से भी जाना जाता है। यह असंतुलन डैंड्रफ की समस्या को जन्म देने के लिए एक बढ़िया माहौल तैयार कर सकता है। तो इस तरह आपने जाना कि डैंड्रफ क्यों होता है।


क्या डैंड्रफ से बाल झड़ते है (Do dandruff cause hair fall)

डैंड्रफ की समस्या होने पर बालों का झड़ना शुरू हो सकता है। हालांकि झड़ते बालों की समस्या में डैंड्रफ सीधे तौर पर तो कोई योगदान नहीं देता लेकिन ऐसी परिस्थितियां तैयार कर देता है जिससे बालों का झड़ना शुरू हो सकता है। अगर आपके बाल भी तेजी से झड रहे हैं तो आपको अभी हेयर टेस्ट देना चाहिए जोकि फ्री है और घर बैठे स्मार्ट फ़ोन की मदद से दो मिनट में दिया जा सकता हो। यह टेस्ट झड़ते बालों की समस्या का सटीक कारण पता लगाकर सही उपचार का सुझाव देता है। आइए जानते हैं कि डैंड्रफ कैसे झड़ते बालों की समस्या को बढ़ा सकता है।


1. स्कैल्प पर चिड़चिड़ापन बढ़ना (Increased scalp irritation)

डैंड्रफ की समस्या में स्कैल्प पर चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। जब स्कैल्प पर डैंड्रफ की मौजूदगी अत्यधिक हो जाए तो इसकी वजह से तेज खुजली का अनुभव हो सकता है। बार बार स्कैल्प पर खुजली करने से hair follicles नष्ट या कमजोर हो सकते हैं जिससे उनके टूटने का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है। साथ ही, बार बार खुजली करने की वजह से सिर पर मौजूद बाल कमजोर हो जाते हैं जिससे उनका टूटना शुरू हो जाता है।


2. इंफ्लेमेशन होने की वजह से (Due to inflammation)

Inflammation वह स्तिथि है जिसमें त्वचा का एक निश्चित भाग में सूजन, लालिमा और दर्द हो सकता है। अगर डैंड्रफ की समस्या काफी समय से है तो स्कैल्प पर इंफ्लेमेशन हो सकता है यानि स्कैल्प की त्वचा पर सूजन, लालिमा और गर्मी के साथ हल्के दर्द की अनुभूति हो सकती है। इस इन्फ्लेमेशन की वजह से hair follicles कमजोर हो जाते हैं जिससे स्वस्थ बालों के विकास की उनकी क्षमता कमजोर हो जाती है। इससे बालों के झड़ने की समस्या शुरू हो सकती है।


3. साइकोलॉजिकल कारणों की वजह से (Due to Psychological Impact)

डैंड्रफ की समस्या होने पर कई बार व्यक्ति को शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है। बालों में डैंड्रफ होना कहीं न कहीं यह अंदेशा देता है कि बाल अस्वस्थ हैं और साथ ही व्यक्ति हाइजीन का ध्यान नहीं रखता है। इसकी वजह से एंजाइटी हो सकती है और आप आवश्यकता से अधिक self aware हो सकते हैं। इस परिस्थिति में अगर थोड़े बहुत बाल भी आपके झड़ते हैं (जोकि सामान्य है) तो आपको लग सकता है कि आप तेजी से बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं। कई बार डैंड्रफ की वजह से हुई शर्मिंदगी तनाव भी पैदा कर सकती है जोकि वाकई झड़ते बालों की समस्या में योगदान दे सकता है। उम्मीद है कि आपको आपके प्रश्न क्या डैंड्रफ से बाल झड़ते हैं का उत्तर मिल गया होगा।


डैंड्रफ का आयुर्वेदिक इलाज क्या है (Ayurvedic Treatment of Dandruff)

अगर समस्या है तो समाधान भी मौजूद है, डैंड्रफ का आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेद मानता है कि डैंड्रफ की समस्या त्रिदोषों से जुड़ी हुई है, अर्थात पित्त, कफ और वात तीनों ही जब असंतुलित हो जाएं तो डैंड्रफ की समस्या को शुरू करने के लिए एक बढ़िया माहौल तैयार कर सकते हैं। इसलिए आयुर्वेद झड़ते बालों की समस्या के साथ साथ डैंड्रफ को भी दूर करने के लिए तीनों दोषों को शांत करने के लिए आवश्यक जड़ी बूटियों के सेवन और लाइफस्टाइल खानपान में बदलाव की सलाह देता है।


1. आंवला (Amla)

आंवला को आयुर्वेद में डैंड्रफ का इलाज माना जाता है। आंवला के नियमित सेवन से न सिर्फ समग्र शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि डैंड्रफ के साथ ही झड़ते बालों की समस्या का भी समाधान होता है। आंवला विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है जोकि इंफ्लेमेशन की समस्या को दूर करता है और साथ ही स्कैल्प को आवश्यक पोषण भी प्रदान करता है। आप आंवला को विभिन्न तरीकों से खा सकते हैं या इसका पेस्ट बनाकर बालों पर लगा सकते हैं।


2. नीम (Margosa)

आप हजारों औषधीय गुणों से भरपुर नीम के बारे में अवश्य ही जानते होंगे। नीम का पौधा न सिर्फ भारतीय संस्कृति में शुभ माना जाता है बल्कि इसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। डैंड्रफ की समस्या को दूर करने के लिए भी आप नीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें एंटीफंगल और एंटी बैक्टिरियल गुण पाए जाते हैं जोकि Malassezia का सफाया करके डैंड्रफ से छुटकारा दिला सकते हैं।


3. मेथी (Fenugreek)

व्यंजनों को तैयार करने में इस्तेमाल में लाई जाने वाला मसाला मेथी भी डैंड्रफ की समस्या से निजात दिला सकता है। अगर आपका स्कैल्प चिड़चिड़ा हो गया है या स्कैल्प में इंफ्लेमेशन की समस्या शुरू हो गई है तो आप मेथी का पानी के साथ पेस्ट तैयार करके बालों में लगा सकते हैं। इससे खुजली, चिड़चिड़ापन और इन्फ्लेमेशन के साथ ही डैंड्रफ की समस्या से भी राहत मिलेगी।


4. शिकाकाई (Shikakai)

बालों के झड़ने की समस्या के साथ ही डैंड्रफ को दूर करने में भी शिकाकाई को काफी प्रभावी माना गया है। शिकाकाई को natural cleanser माना जाता है यानि यह स्कैल्प पर मौजूद धूल और प्रदूषकों के साथ ही हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस को भी साफ कर सकता है। इससे डैंड्रफ की समस्या दूर करने में मदद मिल सकती है। सबसे अच्छी बात है कि इसके इस्तेमाल से स्कैल्प की त्वचा भी साफ हो जाती है और प्राकृतिक तेल का संतुलन भी बना रहता है।


5. एलोवेरा (Aloe Vera)

जब भी बात स्कैल्प और बालों की होगी तो एलोवेरा का चर्चा अवश्य ही किया जायेगा। आयुर्वेद में एलोवेरा को कई स्वास्थ्य फायदों को प्रदान करने वाला बताया गया है। इसके इस्तेमाल से डैंड्रफ की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। एलोवेरा soothing और moisturising गुणों से भरपुर होता है जो स्कैल्प को नमी प्रदान करता है। इससे डैंड्रफ की समस्या कम हो जाती है।


डैंड्रफ का शैंपू (Best Dandruff Shampoo)

डैंड्रफ की समस्या को दूर करने के लिए आप शैंपू का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। एक सही और केमिकल फ्री शैंपू आपके स्कैल्प की अच्छे से सफाई करता है, स्कैल्प को आवश्यक नमी और पोषण देता है। इससे स्कैल्प का समग्र स्वास्थ्य में सुधार आता है और डैंड्रफ की समस्या दूर होती है। लेकिन ध्यान रहे कि डैंड्रफ की समस्या के लिए शैंपू चुनते समय कुछ बातों को ध्यान में रखें: शैंपू में कठोर रसायन मौजूद न हों, प्राकृतिक हो, कोई साइड इफेक्ट्स न डालता हो और साथ ही vegan friendly भी हो।

इन सभी मानदंडों पर Traya  Anti Dandruff Shampoo खरा उतरता है। इस शैंपू में एलोवेरा और Ichthammol के गुण मौजूद हैं जो डैंड्रफ की समस्या को जड़ से खत्म करने में प्रभावी माने गए हैं। यह शैंपू पूरी तरह से नेचुरल है, वेगन फ्रेंडली है और कोई भी साइड इफेक्ट डाले समस्या को जड़ से खत्म करता है। अगर आप रूसी को जड़ से खत्म करने के उपाय की तलाश में हैं तो इस शैंपू का इस्तेमाल अवश्य करें। 


निष्कर्ष (Conclusion)

डैंड्रफ होने के कारण कई हो सकते हैं जिसमें स्कैल्प की त्वचा चिड़चिड़ी और तैलीय होना, स्कैल्प की त्वचा सुख जाना, स्कैल्प की सफाई ढंग से न करना, बार बार बालों को धोना, हेयर केयर प्रोडक्ट्स का अत्यधिक इस्तेमाल, त्वचा रोग होने की वजह से, Seborrheic Dermatitis की वजह से, अत्यधिक तनाव होना, थायराइड रोग की वजह से और बदलते मौसम और प्रदूषण शामिल है। ये सभी कारण बालों में डैंड्रफ की समस्या को बढ़ा सकते हैं।

हालांकि समस्या है तो समाधान भी है। अगर आप डैंड्रफ की समस्या से परेशान हैं तो हम आपको Traya का Anti Dandruff Shampoo के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। यह शैम्पू पूरी तरह से प्राकृतिक है, कोई भी साइड इफेक्ट नहीं डालता, वेगन फ्रेंडली है। यह शैंपू डैंड्रफ की समस्या को जड़ से खत्म कर देता है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. डैंड्रफ होने का कारण क्या है?

डैंड्रफ होने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें स्कैल्प की त्वचा चिड़चिड़ी और तैलीय होना, स्कैल्प की त्वचा सुख जाना, स्कैल्प की सफाई ढंग से न करना, बार बार बालों को धोना, हेयर केयर प्रोडक्ट्स का अत्यधिक इस्तेमाल, त्वचा रोग होने की वजह से, Seborrheic Dermatitis की वजह से, अत्यधिक तनाव होना, थायराइड रोग की वजह से और बदलते मौसम और प्रदूषण शामिल है।


2. क्या डैंड्रफ से बाल झड़ते है?

जी हां, डैंड्रफ की समस्या में बाल झड़ सकते हैं। डैंड्रफ होने पर स्कैल्प अस्वस्थ हो जाता है, बार बार खुजली होती है, इंफ्लेमेशन हो जाता है और साथ ही स्कैल्प में चिड़चिड़ापन हो जाता है। ये सभी कारण बालों के रोम को कमजोर कर देते हैं जिससे उनका टूटना शुरू हो जाता है।


3. डैंड्रफ का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

आयुर्वेद में डैंड्रफ का कई इलाज बताया गया है। खासतौर पर आंवला, एलोवेरा, शिकाकाई, मेथी और नीम के सेवन या इस्तेमाल से डैंड्रफ की समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही संतुलित खानपान, तनाव से मुक्ति और नियमित रूप से बालों को धोना डैंड्रफ से छुटकारा दिला सकता है।


4. रूसी को जड़ से खत्म करने के उपाय क्या हैं?

रूसी को जड़ से खत्म करने का सबसे बढ़िया उपाय है Traya का anti dandruff shampoo का इस्तेमाल करना। यह एक प्राकृतिक शैंपू है जो एलोवेरा जैसी अन्य प्राकृतिक तत्वों की शक्तियों से भरपुर होता है। यह बिना कोई साइड इफेक्ट डाले डैंड्रफ की समस्या को जड़ से खत्म कर सकता है।


References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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